दर्जियों को फिर से प्रतिष्ठा दिलाने की कवायद
नई दिल्ली: टेलर यानी दíजयों की प्रतिष्ठा फिर से बहाल करने और लोगों को सिले-सिले कपड़े की जगह अपनी पसंदीदा फिटिंग के साथ कपड़े मुहैया कराने का बीड़ा ब्ल्यूज एंड गाइज कंपनी ने रेमंड के साथ मिलकर उठाया है। ब्ल्यूज एंड गाइज के चांदनी चौक, पश्चिम बिहार सहित दिल्ली में कई स्टोर हैं। कंपनी दर्जियों को कौशल प्रशिक्षण भी देती है। बीड़ा ब्ल्यूज एंड गाइज कंपनी के प्रमुख मनमोहन गोटेवाला ने कहा कि दर्जी कड़ी मेहनत से अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं लेकिन आज के रेडिमेट कपड़ों के बढ़ते चलन के दौर में टेलरिंग का काम मानो खत्म सा होता जा रहा है। लोग अब रेडीमेट कपड़ों को ज्यादा वरीयता दे रहे हैं क्योंकि यह इंस्टैंट होता है यानी शोरूम में गए, कपड़े पसंद किए और इसका उपयोग शुरू हो जाता है।
दिल्ली के पश्चिम विहार में नए स्टोर के उद्घाटन अवसर पर मनमोहन गोटेवाला ने कहा, "रेडीमेड कपड़ों को लेने के दौरान कई बार लोगों को मनपसंद फिटिंग के कपड़े नहीं मिल पाते। अपनी पसंद के सिले हुए कपड़ों का अलग ही महत्व है। इसी को ध्यान में रखकर हमने रेमंड के साथ मिलकर कस्टमाइज्ड टेलरिंग की पेशकश की है। हमारे कस्टमाइज्ड टेलरिंग में कौशल संपन्न दर्जी हैं। हमें उम्मीद है हमारी यह पहल लोगों को पसंद आएगी।"
उन्होंने कहा, "काबिल दर्जियों को चुनकर हम रेमंड के साथ मिलकर पहले इन्हें उच्च स्तर की सिलाई का प्रशिक्षण देते हैं फिर इन्हें काम सौंपा जाता है।
मनमोहन गोटेवाला ने बताया कि सुंदर दिखने के लिए, एक सुंदर कपड़ा लेना महत्वपूर्ण है और यह भी आवश्यक है कि आपके द्वारा पहने गए कपड़े को पूरी तरह से तैयार किया जाए। रेमंड कपड़ों की आकर्षक रेंज के लिए जाना माना नाम है। ब्ल्यूज एंड गाइज और रेमंड साथ मिलकर दर्जियों को नया प्लेटफार्म प्रदान कर रहे हैं।
गोटेवाला ने कहा, "आज हमारे कारीगरों द्वारों बनाए कपड़ों की मांग तेजी से बढ़ रही है। वह समय दूर नहीं जब फिर से टेलरों का युग वापस आ जाएगा।"