11वें विश्व सम्मेलन पर पहुंची सुषमा ने कहा, हिन्दी भाषा....

Rajmaya 20/8/2018
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देश में हिन्दी के प्रचलन और संस्कृति को बचाने पर जोर देते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि अलग अलग देशों में हिन्दी को बचाने की जिम्मेदारी भारत ने ली है।

आपको बता दें सुषमा स्वराज मारिशस में 11वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में पहुंची थी और उद्घाटन संबोधन करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि “भाषा और संस्कृति एक दूसरे से जुड़ी हैं। ऐसे में जब भाषा लुप्त होने लगती है तब संस्कृति के लोप का बीज उसी समय रख दिया जाता है”।

अपने भाषण में सुषमा स्वराज ने आगे कहा कि “जरूरत है कि संस्कृति को बचाया जाए, उसे आगे बढ़ाया जाए, साथ ही भाषा की शुद्धता को बचाये रखा जाए। सुषमा स्वराज ने कहा कि हिन्दी बचाने, बढ़ाने और उसके संवर्द्धन के बारे में कई देशों में चिंताएं सामने आई। ऐसे में इन देशों में लुप्त हो रही इस हिन्दी भाषा को बचाने की जिम्मेदारी भारत की है। उन्होंने कहा कि इस बार विश्व हिन्दी सम्मेलन का प्रतीक चिन्ह ‘मोर के साथ डोडो’ है।

बता दें सम्मेलन में मौजूद रहे मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवीण कुमार जुगनुथ ने 11वें विश्व हिन्दी सम्मेलन के अवसर पर दो डाक टिकट जारी किये। एक पर भारत एवं मॉरीशस के राष्ट्रीय ध्वज और दूसरे पर दोनों देशों के राष्ट्रीय पक्षी मोर और डोडो की तस्वीर है। साथ ही प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार ने भारत के सहयोग से बने साइबर टावर को अब अटल बिहारी वाजपेयी टावर नाम देने की धोषणा की।

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